श्री गजानन स्वामी चरित |
जो नियमे वाचिल सत्य |
त्याचे पुरतील मनोरथ |
श्री गजानन कृपेने ||२२३||
(- श्री गजानन विजय ग्रंथ, अध्याय २१ वा.)
-अनुक्रमाणिका-
१. अध्याय पहिला…
२. अध्याय दुसरा…
३. अध्याय तिसरा…
४. अध्याय चौथा…
५. अध्याय पाचवा…
६. अध्याय सहावा…
७. अध्याय सातवा…
८. अध्याय आठवा…
९. अध्याय नववा…
१०. अध्याय दहावा…
११. अध्याय अकरावा…
१२. अध्याय बारावा…
१३. अध्याय तेरावा…
१४. अध्याय चौदावा…
१५. अध्याय पंधरावा…
१६. अध्याय सोळावा…
१७. अध्याय सतरावा…
१८. अध्याय अठरावा…
१९. अध्याय एकोणिसावा…
२०. अध्याय विसावा…
२१. अध्याय एकविसावा…